प्रवेश प्रक्रिया एवं दिशानिर्देश

  • अभ्यर्थी का प्रवेश केवल प्राचार्य द्वारा गठित प्रवेश समिति की अनुशंसा पर ही किया जाएगा।
  • 2. प्रवेश पूर्णतः योग्यता के आधार पर किया जाएगा।
  • 3. प्रवेश के लिए छात्र को प्रवेश समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना अनिवार्य है।
  • 4. प्रवेश साक्षात्कार के समय अभ्यर्थी को अपने सभी प्रमाण-पत्रों/अंक-पत्रों की मूल प्रतियों के साथ उपस्थित होना अनिवार्य होगा।
  • 5. किसी भी विद्यार्थी को किसी एक विषय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  • 6. प्रवेश की अनुशंसा के पश्चात निर्धारित तिथि तक प्रवेश शुल्क अवश्य जमा करवाना होगा अन्यथा प्रवेश निरस्त माना जाएगा।
  • 7. अनुचित साधनों (यूएफएम) का प्रयोग करने का दोषी अभ्यर्थी प्रवेश के लिए पात्र नहीं होगा।
  • 8. जिन अभ्यर्थियों को किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया हो या जिन पर मुकदमा चल रहा हो या जिनका आचरण संदिग्ध हो, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  • 9. प्रवेश से संबंधित कोई भी जानकारी गलत पाए जाने पर प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा। 10. महाविद्यालय की सभी गतिविधियों से संबंधित जानकारी नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी।
  • 10. किसी भी अभ्यर्थी को प्रवेश देने या अस्वीकार करने का अधिकार प्रवेश समिति के अध्यक्ष के पास सुरक्षित रहेगा तथा प्रवेश समिति द्वारा आवंटित विषय ही मान्य होगा।
  • 11. मेरिट सूची तैयार करने और प्रवेश के संबंध में प्रवेश समिति का निर्णय अंतिम होगा।
  • 12. बी.ए. प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु इण्टरमीडिएट में न्यूनतम 40% अंक अनिवार्य होंगे।
  • 13. स्नातक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।

प्रवेश प्रक्रिया

अभ्यर्थी कार्यालय काउंटर पर निर्धारित शुल्क 100 रुपये देकर प्रवेश फार्म प्राप्त कर सकते हैं। सभी अभ्यर्थी आवेदन पत्र भरने से पूर्व विवरणिका का भली-भांति अध्ययन कर लें तथा उसके अनुसार ही आवेदन पत्र भरें। महाविद्यालय में विद्यार्थियों का प्रवेश उनकी अर्जित योग्यता/उत्तर प्रदेश सरकार एवं विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार किया जाएगा। प्रवेश हेतु गठित प्रवेश समिति का निर्णय अंतिम होगा। विद्यार्थी अपनी योग्यता एवं उपलब्ध सीटों की संख्या के अनुसार विषयों का चयन करें। पूर्ण रूप से भरे गए एवं आवश्यक प्रमाण-पत्रों के साथ आवेदन पत्र ही स्वीकार किए जाएंगे, अधूरे आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

उपस्थिति

विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित होकर अध्ययन करेंगे। विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार यदि उपस्थिति 75% से कम होगी तो उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा शिक्षण कार्य दिवसों की कुल संख्या कम से कम 180 दिन होगी। कम उपस्थिति होने पर विश्वविद्यालय नियमानुसार परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

शुल्क संरचना

क्र.सं. पाठ्यक्रम का नाम प्रथम वर्ष (I&II सेमेस्टर) (नियमित शुल्क रु. 500/- के साथ) द्वितीय वर्ष (तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर) तृतीय वर्ष (V&VI सेमेस्टर)
01 कला स्नातक (बी.ए.) 5000/- 5000/- 5000/-
02 विज्ञान स्नातक (बीएससी) 6000/- 6000/- 6000/-

प्रवेश शुल्क वापसी नीति

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा प्रवेश रद्द करने/वापस लेने पर फीस वापस न करने के संबंध में विद्यार्थियों/अभिभावकों से अनेक अभ्यावेदन/शिकायतें प्राप्त होती हैं।

  • 1. विद्यार्थियों को एक निश्चित अवधि के भीतर पूरी फीस वापस की जानी चाहिए ताकि वे अपनी पसंद का पाठ्यक्रम चुन सकें।
  • 2. आयोग ने मई 2024 को आयोजित बैठक में मामले पर विचार किया और प्रासंगिक कारकों पर विचार करने के बाद शैक्षणिक सत्र 2024-25 से निम्नलिखित शुल्क वापसी नीति तय की:
  • किसी भी दिशा-निर्देश/विवरण/अधिसूचना/अनुसूची में निहित किसी भी बात के होते हुए भी, विद्यार्थियों के प्रवेश/स्थानांतरण के सभी रद्दीकरण के कारण उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा फीस की पूरी वापसी की जाएगी और प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 1000.00 रुपये से अधिक की कटौती नहीं की जाएगी।
  • यह सभी उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू होगा, चाहे वे किसी केन्द्रीय अधिनियम या राज्य अधिनियम के तहत स्थापित या निगमित हों, और यूजीसी अधिनियम-1956 द्वारा मान्यता प्राप्त प्रत्येक संस्थान और धारा-3 के तहत घोषित विश्वविद्यालय माने जाने वाले सभी संस्थानों और विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू होगा।
  • ये दिशानिर्देश उन संगठनों, संघों, समितियों, एसोसिएशनों आदि पर भी लागू होंगे, जो भाग लेने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से परामर्श या प्रवेश प्रक्रिया और शुल्क एकत्र करने के उद्देश्य से गठित किए गए हैं, और संबंधित उच्च शिक्षा संस्थान शुल्क वापसी के लिए जिम्मेदार होगा।
  • 31 अक्टूबर 2024 के बाद शुरू होने वाले प्रवेश कार्यक्रम के लिए, शुल्क वापसी और मूल प्रमाण पत्रों को न रखने पर अक्टूबर 2018 में जारी यूजीसी अधिसूचना में निहित प्रावधान लागू होंगे (तत्काल संदर्भ के लिए नीचे पुन: प्रस्तुत)
  • 3 यह नीति यूजीसी द्वारा संशोधित नीति जारी होने तक आगामी शैक्षणिक सत्रों के लिए लागू रहेगी।
वर्ग फीस वापसी का % वह समय जब उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश वापसी की सूचना प्राप्त होती है।
(1) 100% प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि से 15 दिन या उससे अधिक पूर्व।
(2) 90% प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि से 15 दिन से कम समय पहले।
(3) 80% प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि के 15 दिन या उससे कम समय बाद।
(4) 50% प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि के 30 दिन या उससे कम, किन्तु 15 दिन से अधिक नहीं।
(5) 00% प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि के 30 दिन से अधिक समय बाद।
  • 4. यूजीसी ने छात्र शिकायत निवारण विनियमन-2023 को अधिसूचित किया है, जिसमें “प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित समय के भीतर प्रवेश वापस लेने वाले छात्र की फीस वापसी में देरी या इनकार को शिकायत के रूप में लिया जाएगा।
  • 5. संस्थान शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शुल्क वापसी नीति का अनुपालन सुनिश्चित करेगा और यूजीसी (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम-2023 के प्रावधानों द्वारा किसी भी शिकायत का निवारण करेगा।
  • 6. यूजीसी शुल्क वापसी नीति 2024-25 के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान पर अक्टूबर 2018 में जारी शुल्क वापसी और मूल प्रमाण पत्र न रखने पर यूजीसी अधिसूचना के खंड-5 में अधिसूचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।